Wednesday 8 September 2021

साक्षरता दिवस


साक्षरता दिवस
पहला विश्व साक्षरता दिवस 8 सितंबर 1966 को मनाया गया था. साल 2009-2010 में सयुंक्त राष्ट्र साक्षरता दशक घोषित किया गया. तब से आज तक पूरे विश्व में 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन यूनेस्को पेरिस स्थित अपने मुख्यालय में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार प्रदान करता है ।

साक्षरता क्या
साक्षरता शब्द साक्षर से आया है, जिसका अर्थ होता है, पढ़ने और लिखने में सक्षम। विश्व के सभी देशों में समाज के हर वर्ग तक शिक्षा के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से इस दिन की शुरुआत की गई।

साक्षरता दिवस का इतिहास
पहली बार यूनेस्को ने 7 नवम्बर 1965 में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने का फैसला लिया। इसके लिए एक दिन निर्धारित किया गया। जिसके बाद हर साल 8 सितम्बर को विश्व साक्षरता दिवस को मनाया जाने लगा। यूनेस्को के निर्णय के अगले ही साल यानि 1966 में पहली बार साक्षरता दिवस मनाना शुरू हुआ।

साक्षरता की मौजूदा स्थिति
ताजा सर्वेक्षण के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 77.5 करोड़ व्‍यस्‍क ऐसे हैं जो इतने भी साक्षर नहीं हैं कि उन्‍हें पढ़ा-लिखा कहा जा सके। पूरी तरह निरक्षर लोगों की संख्‍या इससे कहीं ज्‍यादा है। यूनेस्को की ग्लोबल मॉनिटरिंग रिपोर्ट ऑन एजुकेशन फॉर ऑल ’(2006) के अनुसार, दक्षिण एशिया में सबसे कम क्षेत्रीय वयस्क साक्षरता दर 58.6% है और इस निरक्षरता का कारण गंभीर गरीबी और महिलाओं के खिलाफ पूर्वाग्रह है।

विश्व साक्षरता दिवस की पिछले 5 सालों की थीम
हर वर्ष साक्षरता दिवस के मौके पर विशेष थीम होती है। पिछले पांच सालों की थीम पर एक नजर डालिए।
2015 अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस की थीम -साक्षरता और सतत समाज
2016 अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की थीम -अतीत पढ़ना, भविष्य लिखना।
2017 अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस थीम- डिजिटल दुनिया में साक्षरता
2018 अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की थीम- साक्षरता और कौशल विकास
2019 अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की थीम- साक्षरता और बहुभाषावाद
2020 अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस की थीम- COVID-19 संकट और उससे परे साक्षरता शिक्षण और शिक्षा

विश्व साक्षरता दिवस 2021 की थीम
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2021 की थीम “मानव-केंद्रित पुनर्प्राप्ति के लिए साक्षरता: डिजिटल विभाजन को कम करना” विषय पर है। बता दें कि कोरोना संकट काल में बच्चों, युवाओं और वयस्कों की शिक्षा बुरी तरह बाधित हुई है।

भारत की साक्षरता
भारत की साक्षरता दर विश्व साक्षरता दर से 84 फीसदी कम है। साल 2011 में भारत की कुल साक्षरता दर 74.4% है। 1947 में देश की साक्षरता मात्र 18 % थी। वहीं देश में सबसे अधिक साक्षरता वाला राज्य केरल है जहां 93% जनसंख्या साक्षर है। इसमें पुरुष साक्षरता 96% है और महिलाओं की साक्षरता दर 92% है। सबसे कम साक्षरता वाला राज्य बिहार है, जहां 63.82% लोग साक्षर हैं। उत्तर प्रदेश पांच सबसे कम साक्षरता वाले राज्यों की श्रेणी में है।

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