Saturday 18 September 2021

हिंदी पखवाड़ा -2021-22 के अंतर्गत हिंदी सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी


नियम (विद्यार्थियो के लिए)

* प्रतियोगिता के प्रमाण (result) का screenshot किसी भी कक्षा के समहू (ग्रूप) में ना भेजे।
* 80% न्यूनतम अंक चाहिए प्रश्नोत्तरी का प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए ।
* ई-प्रमाणपत्र उसी दिन पंजीकृत ई-मेल आईडी पर भेज दिया जाएगा।

प्रश्नोत्तरी का लिंक दिनांक १८.०९.२०२१  से १९.०९.२०२१ तक चालू रहेगा।

* ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी  में भाग लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: *


 

Tuesday 14 September 2021

हिन्दी दिवस (14 सितम्बर)

 प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को 'हिन्दी दिवस' मनाया जाता है (और 1 सितम्बर से 15 सितम्बर तक हिन्दी पखवाड़ा मनाया जाता है।) ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दिन भारत की संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदू भाषा को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा घोषित किया था। भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाया। हालांकि इसे 26 जनवरी 1950 को देश के संविधान द्वारा आधिकारिक भाषा के रूप में इस्तेमाल करने के विचार को मंजूरी दी गई। हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में इस्तेमाल करने के दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।भारत के संविधान ने देवनागरी लिपि में लिखित हिंदी को 1950 के अनुच्छेद 343 के तहत देश की आधिकारिक भाषा के रूप में 1950 में अपनाया। इसके साथ ही भारत सरकार के स्तर पर अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाएं औपचारिक रूप से इस्तेमाल हुईं। 1949 में भारत की संविधान सभा ने देश की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाया। वर्ष 1949 से प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है।

हिंदी भाषा के बारे में दिलचस्प तथ्य

आज हिंदी दिवस के मौके पर इससे जुड़े कुछ मजेदार रोचक तथ्यों के बारे में जानेंगे...

§  हिंदी नाम फारसी शब्द हिंद से बना है जिसका मतलब है कि सिंधु नदी का भूमि।

§  दुनिया की चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में शामिल हैं हिंदी

§  हिंदी मूलतः भाषाओं के इंडो-यूरोपियन परिवार के इंडो-आर्यन भाषाओं के सदस्यों में से एक है।

§  भाषा में कोई भी लेख शामिल नहीं है।

§  कविता के रूप में सबसे पहले हिंदी भाषा प्रयोग करने वाले प्रख्यात कवि अमीर खुसरो थे।

§  पहली पुस्तक हिंदी भाषा में प्रेम सागर 1805 में प्रकाशित हुई थी जिसे लल्लू लाल ने लिखी थी।

§  दुनिया भर में ऐसे कई शब्दों का प्रयोग किया जाता है जो लगता है कि अंग्रेजी के शब्द हैं परन्तु वास्तव में ये शब्द हिंदी भाषा से हैं। इनमें से कुछ शब्द जंगल, लूट, बंगला, योग, कर्म, अवतार और गुरु हैं।

§  डोनिका सालाजार, ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी की वर्ल्ड इंग्लिश एडिटर के अनुसार अब तक हिंदी भाषा के 900 शब्दों को डिक्शनरी में जगह मिल चुकी है।

§  यह उन सात भाषाओं में से एक है जो वेब एड्रेस बनाने के लिए उपयोग की जाती हैं।

§  खास बात यह है कि अंग्रेजी में 26 अक्षर की तुलना हिंदी में 52 वर्ण होते हैं। इसमें उच्चारण के आधार पर 45 वर्ण, जिसमें 10 स्वर + 35 व्यंजन होते हैं। लेखन के आधार पर 52 वर्ण, जिसमें 13 स्वर + 35 व्यंजन + 4 संयुक्त व्यंजन होते हैं।

§  दुनिया में हर ध्वनि हिंदी भाषा में लिखी जा सकती है।

§  हिंदी भाषा का प्रयोग सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर के अन्य देशों में भी किया जाता है जिनमें पाकिस्तान, फिजी, नेपाल, श्रीलंका, सिंगापुर, न्यूजीलैंड, यूनाइटेड अरब एमिरेट्स और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।

§  'भारत-दर्शन' हिंदी पत्रिका इंटरनेट पर विश्व का पहला हिंदी प्रकाशन है। यह 1996-97 में न्यूजीलैंड से प्रकाशित हुई।

§  बिहार पहला राज्य था जिसने 1881 में हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया था।

§  श्रीधर पाठक को हिंदी भाषा का पहला बाल साहित्यकार माना जाता है।

§  हिंदी का जो शब्द पहली बार ऑक्सफोर्ड की डिक्शनरी में शामिल किया गया वह स्वदेशी था।

§  ताकत की बात करें तो वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा तैयार पावर लैंग्वेज इंडेक्स के मुताबिक साल 2050 तक हिंदी दुनिया की सबसे ताकतवर भाषाओं में से एक होगी।

§  लगभग दुनिया की 176 विश्वविद्यालय में हिंदी भाषा पढ़ाई जाती है। इतना ही नहीं, अमेरिका के 45 विश्वविद्यालय भी इसमें शामिल है।

 


 

Wednesday 8 September 2021

साक्षरता दिवस


साक्षरता दिवस
पहला विश्व साक्षरता दिवस 8 सितंबर 1966 को मनाया गया था. साल 2009-2010 में सयुंक्त राष्ट्र साक्षरता दशक घोषित किया गया. तब से आज तक पूरे विश्व में 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन यूनेस्को पेरिस स्थित अपने मुख्यालय में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार प्रदान करता है ।

साक्षरता क्या
साक्षरता शब्द साक्षर से आया है, जिसका अर्थ होता है, पढ़ने और लिखने में सक्षम। विश्व के सभी देशों में समाज के हर वर्ग तक शिक्षा के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से इस दिन की शुरुआत की गई।

साक्षरता दिवस का इतिहास
पहली बार यूनेस्को ने 7 नवम्बर 1965 में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने का फैसला लिया। इसके लिए एक दिन निर्धारित किया गया। जिसके बाद हर साल 8 सितम्बर को विश्व साक्षरता दिवस को मनाया जाने लगा। यूनेस्को के निर्णय के अगले ही साल यानि 1966 में पहली बार साक्षरता दिवस मनाना शुरू हुआ।

साक्षरता की मौजूदा स्थिति
ताजा सर्वेक्षण के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 77.5 करोड़ व्‍यस्‍क ऐसे हैं जो इतने भी साक्षर नहीं हैं कि उन्‍हें पढ़ा-लिखा कहा जा सके। पूरी तरह निरक्षर लोगों की संख्‍या इससे कहीं ज्‍यादा है। यूनेस्को की ग्लोबल मॉनिटरिंग रिपोर्ट ऑन एजुकेशन फॉर ऑल ’(2006) के अनुसार, दक्षिण एशिया में सबसे कम क्षेत्रीय वयस्क साक्षरता दर 58.6% है और इस निरक्षरता का कारण गंभीर गरीबी और महिलाओं के खिलाफ पूर्वाग्रह है।

विश्व साक्षरता दिवस की पिछले 5 सालों की थीम
हर वर्ष साक्षरता दिवस के मौके पर विशेष थीम होती है। पिछले पांच सालों की थीम पर एक नजर डालिए।
2015 अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस की थीम -साक्षरता और सतत समाज
2016 अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की थीम -अतीत पढ़ना, भविष्य लिखना।
2017 अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस थीम- डिजिटल दुनिया में साक्षरता
2018 अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की थीम- साक्षरता और कौशल विकास
2019 अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की थीम- साक्षरता और बहुभाषावाद
2020 अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस की थीम- COVID-19 संकट और उससे परे साक्षरता शिक्षण और शिक्षा

विश्व साक्षरता दिवस 2021 की थीम
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2021 की थीम “मानव-केंद्रित पुनर्प्राप्ति के लिए साक्षरता: डिजिटल विभाजन को कम करना” विषय पर है। बता दें कि कोरोना संकट काल में बच्चों, युवाओं और वयस्कों की शिक्षा बुरी तरह बाधित हुई है।

भारत की साक्षरता
भारत की साक्षरता दर विश्व साक्षरता दर से 84 फीसदी कम है। साल 2011 में भारत की कुल साक्षरता दर 74.4% है। 1947 में देश की साक्षरता मात्र 18 % थी। वहीं देश में सबसे अधिक साक्षरता वाला राज्य केरल है जहां 93% जनसंख्या साक्षर है। इसमें पुरुष साक्षरता 96% है और महिलाओं की साक्षरता दर 92% है। सबसे कम साक्षरता वाला राज्य बिहार है, जहां 63.82% लोग साक्षर हैं। उत्तर प्रदेश पांच सबसे कम साक्षरता वाले राज्यों की श्रेणी में है।

Saturday 4 September 2021

Intersting Facts About Dr. Sarvepalli Radharishnan On Teachers Day

 

 Dr Sarvepalli Radhakrishnan dabbled in various roles starting from Philosopher to the President of India, but people remember him majorly for his contribution as a teacher. Radhakrishnan is acclaimed for dedicating his life towards education and improving the standards in the field of education.

"Instead of celebrating my birthday, it would be my privilege if September 5 is observed as Teachers' Day," Dr Radhakrishnan said in 1962. Since then, Teachers' Day is observed across the country on his birthday, i.e., September 5.

A recipient of Bharat Ratna, Dr Radhakrishnan, stands at the top when it comes to impeccable contribution to education. Dr Radhakrishnan is one of the role models to many aspiring minds. Here, Intersting facts about Sarvepalli Radhakrishnan !

Friday 3 September 2021

About INSPIRE Awards-MANAK

 

Click this here for Login

https://nlepc.nif.org.in/community/#/login 

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक ‘Innovation in Science Pursuit for Inspired Research’ (INSPIRE) योजना है। INSPIRE Awards – MANAK (Million Minds Augmenting National Aspirations and Knowledge) का क्रियान्वयन नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन – इंडिया (NIF) जो DST की एक स्वायत्त निकाय है, के द्वारा किया जा रहा है । DST का उद्देश्य 10-15 वर्ष के आयु वर्ग के कक्षा 6 से 10 के विद्यार्थियों को प्रेरित करना है। योजना का उद्देश्य स्कूली बच्चों में रचनात्मकता और नवीन सोच की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान और सामाजिक अनुप्रयोगों में निहित 1 लाख मूल विचारों / नवाचारों को बढ़ावा देना है । इस योजना के तहत प्रत्येक विद्यालय द्वारा 15 अक्टूबर 2021 तक उपरोक्त वेबसाइट के माध्यम से अपने विद्यालय के विद्यार्थियों के 5 सर्वश्रेष्ठ मूल विचारों/नवाचारों को अपलोड किया जा सकता है ।

Wednesday 1 September 2021

Design a Postal Stamp

 

 Design a Postal Stamp celebrating India’s Post Independence achievements in Science and Technology

 VIGYAN PRASAR, under the Aegis of Department of Science and Technology, announces a Postal stamp design competition as a part of Azadi ka Amrit Mahotsav– to commemorate 75 years of India’s Independence.

India has come a long way in the last seven decades, making a mark in various fields in science and technology, including agriculture, healthcare, energy, space, environment, biotechnology, engineering, and Information Technology. These achievements have improved the standard of living of every citizen.

To honour these accomplishments in Science and Technology, VIGYAN PRASAR will be bringing out Postal stamps for the nation through MyGov and provide wide publicity on IndiaScience Channel.

"विज्ञान से विकास - प्रौद्योगिकी से प्रगति" is the theme for the competition. The creative design should capture the achievements of the Indian scientific community and scientific institutions post-independence.

The entry will be received on the MyGov platform (www.mygov.in)

Click here to read the Terms and Conditions.

The selected winners will be awarded with the cash prize of:
1st Prize - Rs. 15,000/-
2nd Prize - Rs. 10,000/-
3rd Prize - Rs. 5,000/-
Three Consolation prize - Rs. 2,000/-

The last date for submission is 15 September 2021.

 Source-https://www.mygov.in/task/design-postal-stamp-celebrating-india%E2%80%99s-post-independence-achievements-science-and-technology/