Saturday 24 August 2024

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2024 के रोचक तथ्य

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2024 के रोचक तथ्य

 

  1. पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस: 23 अगस्त 2024 को भारत अपना पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाएगा, जिसे 2023 में घोषित किया गया था। 
  2. चंद्रयान-3 की सफलता: इस दिन को मनाने का एक प्रमुख कारण चंद्रयान-3 मिशन की सफलता है। 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर की सफल लैंडिंग और प्रज्ञान रोवर की तैनाती ने भारत को चंद्रमा के इस अनछुए हिस्से पर लैंडिंग करने वाला पहला देश बना दिया।
  3. ISRO का गौरव: राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस भारत के भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की मेहनत और समर्पण की सराहना करने का अवसर है। ISRO, जिसे 1969 में स्थापित किया गया था, ने अंतरिक्ष में कई महत्वपूर्ण मिशनों की शुरुआत की है।
  4. मिशन चंद्रयान-3: चंद्रयान-3 मिशन ने चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सौम्य लैंडिंग का प्रदर्शन किया और इसने चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए प्रज्ञान रोवर को तैनात किया।
  5. स्वदेशी तकनीक: चंद्रयान-3 में पूरी तरह से स्वदेशी लैंडर मॉड्यूल, प्रोपल्शन मॉड्यूल और रोवर शामिल थे, जो भारत की तकनीकी क्षमताओं को प्रदर्शित करते हैं।
  6. मिशन के उद्देश्य: चंद्रयान-3 का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग, रोवर के संचालन और इन-सिचू वैज्ञानिक प्रयोग करना था, जिससे चंद्रमा की सतह की थर्मल गुण, रासायनिक संघटन और खनिजीय संरचना के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सके।
  7. आदित्य-L1 मिशन: ISRO ने आदित्य-L1 मिशन भी लॉन्च किया है, जो 2 सितंबर 2023 को शुरू हुआ। यह मिशन सूर्य के अध्ययन के लिए भारत का पहला अंतरिक्ष आधारित मिशन है।
  8. उपग्रह प्रौद्योगिकी: अंतरिक्ष अनुसंधान से प्राप्त तकनीकें, जैसे उपग्रह संचार और मौसम पूर्वानुमान, हमारे दैनिक जीवन को बेहतर बनाती हैं और प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी में मदद करती हैं।
  9. भविष्य की खोजें: चंद्रयान-3 से प्राप्त डेटा छोटे ग्रहों और एक्सोप्लैनेट्स के अध्ययन में सहायक होगा, जो भविष्य की खोजों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा।
  10. प्रेरणा का स्रोत: राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस युवाओं और छात्रों को विज्ञान और अंतरिक्ष तकनीक में करियर बनाने के लिए प्रेरित करता है और अंतरिक्ष अनुसंधान के प्रति उनकी रुचि को बढ़ावा देता है।